किसान और उसके चार लड़के और खजाने की खोज | hindi kahani | Motivational Story

 एक घनश्याम नाम का किसान था जो गरीब बहुत था वह अपने पत्नी और अपने चार बेटो के साथ रहता था। उनका गुजरा खेती से चलता था । किसान दिन भर खेत मे काम करता था। और दो वक्त का खाने का बंदोबस्त करता।

लेकिन घनश्याम के चारो लड़के बहुत आलसी थे । दिन भर अपनी मोहले में घूमते रहते थे। कोई काम धन्धा नही करते थे। ये बात किसान और उसकी पत्नी को हमेशा सताती थी ।

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 ये सब कोई काम करते है नही न ही कोई काम सीखते है ।मेरे बाद इनलोगो का गुजारा कैसे होगा। उसकी पत्नी समझाया धीरे धीरे काम करना सीख जाएंगे । क्योंकि प्रस्थिकी इंसान को सब सीखा देता है। समय की चोट से कोई नही बच सकता है। समय सब सिख देगा। 



ये सब बातें करके अपने आप को तस्सली देते थे। धीरे धीरे समय बीतता गया ,और किसान भी बूढ़ा होने लगा था । शरीर भी कमजोर हो चुकी थी। लेकिन उसके चारो लड़को को कोई परवाह नही थी की घर का खर्चा कैसे चलेगा। 

एक बार घनश्याम (किसान) बीमार पड़ गया। उसने अपनी पत्नी को कहा कि चारो लड़के को बुला लाये। उसकी पत्नी चारो लड़के को बुला लायी । घनश्याम अपने बिस्तर से उठकर बैठ जाता है और अपने चारों बेटे से बताता है कि बेटा अब मैं तो बूढ़ा हो चुका हूं। मैं अपने जिंदगी में जो भी धन संपत्ति कमाया है तो सब अपने खेत मे दबा रखा है । मेरे जाने के बाद उस खेत से निकाल लेना और अपने मे बांट लेना । 

ये सुनकर उसके बेटे बहुत खुश हो गए। कुछ दिन ऐसे ही किसान बीमार रहा और कुछ दिन बाद किसान मर गया। किसान के मरने के कुछ दिन बाद उसके चारों लड़के फावड़ा ले के खेत मे गए और सुबह से लेकर शाम तक पूरा खेत खोद डेल लेकिन उसमें से कोई खजाना नही मिला । वो सब निराश हो कर अपने माँ के पास गए और बोले माना ,बाबूजी हमसे झूठ बोले थे कि खेत मे खजाना है लेकिन हमने पूरा खेत खोद डाली लेकिन कोई खजाना नही मिली।

 उसकी माँ ने बोली बीटा अगर खेत खोद ही डाली है तो उसमें बीज भी बो (डाल) दो । माँ के कहे अनुसार बीज भी बो दिए और समय समय पे पानी भी डालते गए। कुछ दिन बाद फसल पक कर तैयार हो गयी। तब उस सबने फसल को काटा और बाजार में ले जाके बेचे जिसे बहुत पैसा मिला । उनलोगों ने पैसा लेकर अपनी माँ के पास गए। तो उसके माँ ने बताया कि बेटा तुम्हारी मेहनत ही असली खजाना है यही तुम्हारे बाबूजी बताना चाहते थे।


सिख:- हमारी मेहनत ही हमारी सबसे बडी खजाना है । इसिलए हमे मेहनत करते रहनी चाहिए। जैसे मेहनत करेंगे वैसे ही हैम फल पाएंगे। जितना कठिन मेहनत उतना बड़ा फल मिलेगा। 



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